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»»समता मिशन - 59 क्या है ?

समता मिशन-59

समता आन्दोलन समिति द्वारा आगामी राजस्थान विधानसभा चुनावों में ‘‘समता मिशन-59’’ पर कार्य किया जावेगा।

इस मिशन के अधीन देश की राजनीति को जातिवाद से मुक्त कराने के लिए देश में समरसता और सद्भाव बढाने के लिए, आरक्षण और सरकारी योजनाओं का लाभ वंचित पिछड़ों तक पहुंचाने के लिए, लोक सेवकों में जातिगत गुटबाजी रोकने के लिए, आरक्षण पीड़ितों को मुवावजा दिलाने के लिए तथा देश को सन्निकट जातिगत गृहयुद्ध से बचाने के लिए एक नये राष्ट्रवादी अभियान की शुरूआत की गई है। इस मिशन में राजस्थान विधानसभा के 59 आरक्षित सीटों (32 एससी एवं 25 एसटी) पर आरक्षित वर्ग के ऐसे राष्ट्रवादी प्रत्याशियों को सहयोग व समर्थन दिया जा रहा है जो समता आन्दोलन समिति के छः प्रस्तावों को पूरा करने के लिए शपथपत्र देकर वचनबद्ध होंगे। ये छः राष्ट्रवादी प्रस्ताव निम्न प्रकार से हैः-

1. एस.सी/एस.टी. में क्रीमिलेयर को आरक्षण के लाभ से वंचित किया जावेगा।
2. पदोन्नति में आरक्षण व्यवस्था दिनांक 01.04.1997 से समाप्त करते हुए संशोधित पदोन्नति सूचियॉ जारी की जावेंगी।
3. आरक्षण पीड़ितों को नौकरी से वंचित होने पर संबंधित पद के नियमित वेतन की सौ गुणा मुआवजा राशि दी जावेगी तथा किसी शैक्षणिक पद से वंचित होने पर समान शैक्षणिक पद की शिक्षा समान स्तर के निजी शिक्षण संस्थान से सरकारी खर्चे पर दिलवाई जाकर क्षतिपूर्ति की जावेगी।
4. विधानसभा एवं लोकसभा में एस.सी./एस.टी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए दिया जा रहा अप्रजातांत्रिक सीटों का आरक्षण बंद किया जावेगा तथा मान्यता प्राप्त राजनेतिक दलों को निर्धारित कोटे में एससी/एसटी को टिकटों का आरक्षण देने के लिए बाध्य किया जावेगा।
5. एससी/एसटी अत्याचार अधिनियम के अधीन बिना जांच किये गिरफ्तारी पर रोक लगवाई जावेगी।
6. समता विधायक सलाहकार परिषद की राष्ट्रवादी एवं विकासवादी सलाह के अनुसार कार्य करेंगे।

उपरोक्त प्रस्तावों को देखने से स्पष्ट है कि इनमें से एक भी प्रस्ताव आरक्षण के विरोध में नहीं है लेकिन इन प्रस्तावों के लागू हो जाने के बाद देश में एक भी आरक्षण पीड़ित नहीं बचेगा। देश में समरसता और सद्भाव बढेगा। सबका साथ सबका विकास होगा। आरक्षण चलता रहेगा। आरक्षण पीड़ित एक भी नहीं बचेगा। इसीलिए समता मिशन-59 की सभी बड़े राजनेता, बडे़ ब्यूरोक्रेट्स, राष्ट्रवादी समाज सेवी व्यक्तिगत रूप से भूरी-भूरी प्रशंसा कर रहे है।

इस ‘‘समता मिशन-59’’ को अंगीकार करने के लिए हमने राजस्थान में सक्रिय कुल 10 राजनैतिक दलों को रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजा है। जिसकी प्रति समता आन्दोलन की वेबसाइट के न्यूज एण्ड एक्टीविटीज पर देखी जा सकती है।

इसके बाद दिनांक 04.05.2018 को उपरोक्त पत्र की प्रति राज्यसभा एवं लोकसभा के सभी 790 सांसदों को ई-मेल से एवं साधारण डाक से भेजी गयी है।

राजस्थान राज्य में आरक्षित वर्ग के 59 वर्तमान विधायकों को रजिस्टर्ड डाक से दिनांक 07.05.2018 को प्रथक से आग्रह किया गया है। इस पत्र की प्रति समता आन्दोलन की वेबसाइट के न्यूज एण्ड एक्टीविटीज पर देखे।

दुर्भाग्य से जातिवादी राजनीति में आकण्ठ डूबे हमारे देश के राजनेता या राजनैतिक दल इस क्रांतिकारी राष्ट्रवादी मिशन के साथ आने की हिम्मत हीं नहीं कर पा रहे हैं। व्यक्तिगत रूप से ‘‘समता मिशन-59’’ की प्रशंसा करते हैं, देश को बचाने के लिए अत्यन्त जरूरी बताते हैं, लेकिन सहयोग करने से या साथ आने से कतराते हैं। विगत 02 अप्रेल 2018 को हुये अविधिक, असंवैधानिक एवं अराजक बन्द ने पूरे देश को जगा दिया है कि जातिवादी राजनीति अब जातिवादी गुण्डागर्दी से आगे बढ़कर जातिगत आतंकवाद का रूप ले रही है। इस देश को बचाने के लिए कोई विदेश से नहीं आयेगा। पिछले 02 अप्रेल 2018 के अराजक ताण्डव को हम देख चुके है कि केन्द्र और राज्यों की सरकारे कितनी बेबस और लाचार है। सरकारों की यह बेबसी और लाचारी हरयाणा के जाट आरक्षण आन्दोलन में, गुजरात के पटेल आरक्षण आन्दोलन में, राजस्थान के गुर्जर आरक्षण आन्दोलन में तथा महाराष्ट्रा के मराठा आरक्षण आन्दोलन में भी देखी जा चुकी है। इस सब अराजक आन्दोलनों का कारण एक ही है कि देश का राष्ट्रवादी मतदाता सोया हुआ है।

अतः सभी राष्ट्रवादी मतदाताओं से प्रार्थना है कि जागो और जगायें। जातिवादी भगायें। समरसता सद्भाव बढायें। समता मिशन-59 को सफल बनायें। सक्रीय सहयोग की अपेक्षा में।

सादर,

पाराशर नारायण

अध्यक्ष, समता आन्दोलन समिति

 
 
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